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पापा... नहीं चाहिए मुझे 'लेटेस्ट मोबाइल'
यह एक घटना है जिसे मैं एक कहानी का रूप देने की कोशिश कर रहा हूं। बिल्कुल गहरे संदेशों वाली कहानियों की तरह जो पंचतंत्र में वर्णित हैं। मेरे विचार से, इसे केवल उन लोगों को पढ़ना चाहिए जो लाखों रुपये कमाना चाहते हैं और इसे उन लोगों तक भी भेजना चाहिए जिनके पास बाजार में नए मोबाइल का तुरंत मालिक ने की इच्छा या सनक है।
मेरे एक करीबी दोस्त ने मेरे एक गुजराती ब्लॉग को पढ़ने के कुछ समय बाद इसे मेरे साथ साझा किया।
जुलाई 2019 की बात है... भारत के उत्तर-पूर्व में एक पड़ोसी देश के एक सज्जन... जो चार ब्रांड के मोबाइल फोन बनाते हैं और उन्हें भारत में अलग-अलग नामों से बेचते हैं, उन्होंने 54 मेगापिक्सल कैमरे वाला एक मोबाइल फोन बाज़ारमें उतारा। उन्होंने टीवी पर हर शनिवार-रविवार प्रसारित होने वाले एक प्रसिद्ध भारतीय कॉमेडी शो के प्रायोजक बनकर इसका जोर-शोर से विज्ञापन भी किया।
इससे प्रभावित होकर, एक मध्यमवर्गीय परिवार के बेटेने घरको सर पर उठाना शुरु कर दीया। 'पिताजी... चलो यह फोन खरीदते हैं। इसका कैमरा तो देखो! 54 मेगा पिक्सल! यह कितनी मस्त फॉटो ख़ींचेगा! अगर दाढ़ी वाले आदमी की तस्वीर खींची जाए तो उसके सबसे पतले से पतले बाल भी दिखाई देंगे। मेरा मोबाइल, जो हमने 3 साल पहले खरीदा था, उसमें केवल 13 मेगा पिक्सल का ही कैमरा है।'
पिताजी ने पूछा... 'कितना खर्चा आएगा?' बेटे ने इंटरनेट पर सर्च किया और कहा 'इसकी कीमत 48,000 रुपये है। यदि मेरे मोबाइल को ऑनलाइन एक्सचेंज करते हैं, तो हमें इसके लिए बायबैक के तौर पर 2,000 रुपये मिलेंगे, तो हमें यह 46,000 में पड़ेगा।' जो उसके पिता के एक महीने के वेतन के बराबर था!
जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देख चुके पिताजी पसीने-पसीने हो गए! पहले से ही 15,500 का एक मोबाइल हाथ में रखा था... केवल तीन साल पुराना... और सीधे 46,000 रुपये का नया फोन !? मुंबई में उनके फ्लैट का एक साल का मासिक रखरखाव बारह महीने से गुणा करने पर रु. 36,000 था, इस प्रकार फोन की लागत लगभग 15 महीने के रखरखाव जीतनी होती थी और सीधे सीधे एक महीने के वेतन जीतना खर्चा?! सिर्फ सेल्फी और फॉटोग्राफी के लिए, जो कुछ समय बाद डिलीट हो जाएगी?
उन्होंने कहा 'बेटा... यह हमारे लिए महंगी खरीदारी होगी... अगले दो साल के बाद, मोबाइल का एक नया संस्करण फिर से बाजार में आएगा, तब तुम उसे खरीदना चाहोगे और भले ही तुम एक्स्चेन्ज ऑफर में उसेभी बदलोगे तो भी बदले में 5-7,000 रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगा।'
युवा बेटे और पिता के बीच समझ में अंतर के कारण कुछ बहसें हुईं, लेकिन आखिरकार बेटे को झुकना पड़ा... 'आप ... पापा बिल्कुल ऐसे ही हो... आप लोग फिक्स्ड डिपॉजिट के ज़माने के हैं...मैं अपने तरीके से पैसे कमाऊंगा और खरीदूंगा...!'
दोस्तों... अब तककी बातें... नाटकीय प्रस्तुति थी... माहौल बनाने के लिए... लेकिन अब, बात तथ्य की करेंगे।
वह पिता एक बैंक में कार्यरत थे और उनके लिए ऋण प्राप्त करना या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना और उसे स्वाइप करके आसान मासिक किस्तों (ई.एम.आई.) में बदलना बहुत आसान था। लेकिन वह कुछ ऐसी बातें जानते थे जो हममें से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे।
"किसी को भी, भारी बचत जमा करने के बाद और कम से कम पांच से सात साल तक मोबाइल का उपयोग करने के बाद ही नया मोबाइल खरीदना चाहिए।"
“अगर एक नई कार खरीदें तो उसे कम से कम 15 साल तक चलानी चाहीए। तभी इसका मूल्य लागत की वसूली के करीब पहुंचेगा।”
"सेकेंड-हैंड कार खरीदें... और यदि आप ऐसा करते हैं, तो दो साल पुरानी कार खरीदें ताकि उसकी किमत लगभग आधी हो जाए और अगले 13-14 वर्षों तक उसे बदलने की आवश्यकता न पड़े।"
और "अगर बहुत ज़्यादा ज़रूरत न हो... तो कार खरीदनी ही नहीं चाहिए" भगवान ने कार पूलिंग, ओला, उबर, टैक्सी, रिक्शा, मेट्रो रेल, बसें किसके लिए बनाई हैं? केवल हमारे लिए!!!
फाइनेंस के ऐसे तथ्य जानने के बाद, पिता ने अपने बेटे के लिए 46,000 रुपये अलग रख दिए और इंटरनेट पर पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद उस समय एक जोखिम भरा निवेश किया।
सौर ऊर्जा का बड़े पैमाने पर प्रचार शुरू हो चुका है और उन्होंने बेटे के नाम पर एक ग्रीन एनर्जी कंपनी के 1000 शेयर खरीदे (खरीद का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है) ... उनका एकमात्र इरादा यह था कि उनके बेटे को दस साल बाद 'मूल्य वृद्धि (an Appreciation) और अवमूल्यन (Depreciation)' का पाठ पता होना चाहिए! रुपया कहां गिरता है और कहां सबसे ज्यादा चमकता है, इसके बीच का अंतर!
मार्च 2020 में COVID के कारण लॉक-डाउन शुरू हुआ... शेयर बाजार ऊपर-नीचे होता रहा... लेकिन फरवरी 2023 तक चमत्कार हुआ... वही शेयर जो 46 रुपये प्रति यूनिट पर खरीदा गया था वह प्रति यूनिट 3800 रुपये तक ऊपर चला गया!
उनका रु. 46,000 का निवेश बढ़कर 38,00,000 रुपये से अधिक हो गया!
उन्होंने बेटे को बुलाया और कहा, "देखो बेटा... उस दिन उस विशेष मोबाइल फोन को न खरीदने का जो निर्णय लिया था कितना सही था, अब हम कितने नए मोबाइल खरीद सकते हैं?' बेटे की आँखें चौड़ी हो गईं। मोबाइल फोन अब पाँच साल पुराना भी हो गया था, इसलिए अब उसने एक नया फोन खरीदा... लेटेस्ट मोबाइल फोन! लेकिन साथ ही उसे जीवन का अनमोल ज्ञान भी मिला कि धन को ऐसे निवेश में लगाना चाहिए, जहाँ वह नष्ट नहीं हो।
खैर, यह नहीं भूलना चाहिए कि शेयर बाजार में कुछ भी हो सकता है, यह सच है कि आपको जोखिम तभी लेना चाहिए जब आप बाज की तरह सतर्क हों।
आशा है कि इस घटना ने एक वित्तीय सबक दिया होगा। मुझे लगा कि यह युवाओंको शेयर करने लायक है, अगर आपको भी ऐसा लगे तो इसे आगे जरूर शेयर करें।
चलिए... फिर मिलते हैँ!
उज्ज्वल वैष्णव
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